औरों के शेरों को क्यों उधार लें ,
हम एहसास -ए -दिल बयाँ करने के लिए,
तुमको देखा तो रूमनगी आ गयी ,
फिर से देखा तो दीवानगी छा गयी ,
झुकती नज़रों ने मैकशिं भर दी ,
बस एक दर्द की कमी थी UttaM की शायरी में , जो तुने दिल तोड़कर पूरी कर दी !
गैरों के अलफ़ाज़ क्यों उधार लें ,
हम हाल -ए -दिल बताने के लिए ,
तेरे लबों ने मुस्कराहट सिखाई ,
तेरी नज़रों ने नज़रों की जुबां समझाई ,
तेरे आँचल ने जिन्दगी मे रंग भर दी ,
बस एक दर्द की कमी थी UttaM की शायरी में , जो तुने दिल तोड़कर पूरी कर दी !
दूसरों का कलम क्यों उधार लें ,
हम अपने हाथों से लिखने के लिए ,
तेरे आँचल ने हवा दी दिल में छुपी आग को ,
तेरे काजल ने कलम में श्याही भर दी
बस एक दर्द की कमी थी UttaM की शायरी में , जो तुने दिल तोड़कर पूरी कर दी !
(genuinely uttams)
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2 comments:
Great Uttam Ji........
गैरों के अलफ़ाज़ क्यों उधार लें ,
हम हाल -ए -दिल बताने के लिए ,
तेरे लबों ने मुस्कराहट सिखाई ,
तेरी नज़रों ने नज़रों की जुबां समझाई ,
तेरे आँचल ने जिन्दगी मे रंग भर दी ,
बस एक दर्द की कमी थी UttaM की शायरी में , जो तुने दिल तोड़कर पूरी कर
Nacheez's
फर्क है आँसू आँसू में,
कुछ आँख से निकलते हैं, कुछ दिल से ।
lovely. I really did'n know your his talent although I was aware that you do poetry.
Keep it up.
SBKSIR
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