दिल धड़क रहा है बडे जोरों से आज
नींद नहीं आती धड़कनों के शोरों से आज!
नींद नहीं आती धड़कनों के शोरों से आज!
अपनों ने ही ना समझा इस दिल की बात को
क्या करें उम्मीद हम गैरों से आज!
क्या करें उम्मीद हम गैरों से आज!
चल पडे थे एक ख़्वाबों के कारवाँ पे
कांटे लगे हैं बेहिसाब इन पैरों से आज!
कांटे लगे हैं बेहिसाब इन पैरों से आज!
दुनिया के गम ने हमें भी शायर बना दिया
रो पड़ते हैं संग - ओ- साज़ इन शेरों से आज!
देदो उजालों को मेरे घर का पता
या ले जाये कोई दूर मुझे इन अंधेरों से आज!
(Genuinely Uttam's)