ज़िंदगी में ज़िंदगी से बढ़ कर कुछ नहीं
ज़िंदगी तेरे सिवा और कुछ नहीं
तू ना मिले तो मै से मोहब्बत कर लूं
मगर ये जाम तेरी आँखों के सिवा कुछ नहीं
तुझ बिन जीने की कोशिश भी कैसे करूं
ये साँसे तेरी खुशबु के सिवा कुछ नहीं
मरने की ख्वाइश है तेरे आगोश मे छुप कर
कहीं और जाये जान, तो ये मरने के सिवा कुछ नहीं
(Genuinely Uttam’s)