तुम दूर हो , हम मजबूर हैं
तुम हूर हो , हम बेनूर हैं
हर शाम याद करते हैं जाम -ए अश्क हाथों में लिए हुए
जल्द ही सो जाते हैं , ख्वाबों में तुम्हे पाने के लिए
तुम जब मुस्कुराती हो ख्वाबों मे आकर
दिल कहता है , क्या करूंगा तुम्हे पा कर
क्या रहोगी तुम मेरे साथ ,
जिसके पास, नहीं सिवा कुछ देने के लिए मोहब्बत के जजबात!
(genuinely uttams)
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1 comment:
Very Nice Uttam Ji.....
जिन्दगी में प्यार कोई खूबसूरत साज है,
जिसका भेद ना जान सका कोई, ये वो राज है ।
बर्बाद हुए हैं कितने ही आशिक इसमें,
ना जाने कितनी मीठी है वो जो इसकी आवाज है ।
Regards,
Nacheez
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