Monday 17 March, 2008

बेवफाई



उन्होंने हमारे दिल को खिलौना समझा
खेल भी लिया और तोड़ भी दिया !!
(Genuinely Uttam’s)

वो गये और जख्म छोड़ गये ,
यूँ ही छोड़ देता तो नासूर बन जाता ,
दोस्तों ने बचाया , दोस्ती का मरहम लगा के ,
वरना उनका आँचल कफ़न बन जाता !!
(Genuinely Uttam’s)

हमें वो तनहा छोड़ गये ,
और यादें साथ छोड़ गये ,
उनकी यादों के साथ जीने की आदत हुई हमें ,
अब न हम तनहा हैं , न उनकी यादें !!
(Genuinely Uttam’s)

हम खफा हैं उनकी बेवफाई पे ..
के वो हमें छोड़ कर चले गये
हम जी रहे हैं उनके बिना ..
इस से बढ़ कर बेवफाई हम क्या करें ?
(Genuinely Uttam’s)

हमें मिली बेफूल कब्र ही सही ॥
उन्हें हमारी कद्र न सही ॥
ये दिल न धड़क -कर भी उनका नाम लेता है ..
उन्हें सुनने की सब्र न सही ॥
(Genuinely Uttam’s)

अश्कों को ज़ाया नही करते बेवाफाओं के जाने से ,
जहर नही ख़रीदा करते मिठाइयाँ न मिलने से ,
वो गये तो मौत करीब नज़र आने लगी ,
जरा सोचिये ! जब वो नहीं थे ,क्या ज़िंदगी नही थी ?
(Genuinely Uttam’s)

Funny version by one of my friend:

उन्होंने हमारे pocket को ATM समझा

उन्होंने हमारे pocket को ATM समझा

Operate भी किया और loot भी लिया !!!

(By Anand Yaligar)

1 comment:

Unknown said...

Bahut Khoob Uttam Ji...


गए वो दिन कि मिलता था मज़ा हमको शिकायत से,
गए वो दिन कि वो भी पेश आते थे मुहब्बत से,
क्या करें दोनों ही मजबूर हें अपनी तबियत से,
मुझे उल्फत मुहब्बत से उन्हें नफरत मुहब्बत से....