Thursday 28 February, 2008

शामिल



तू मेरे हर पल में शामिल है
जैसे धड़कन दिल में शामिल है


तेरी आँखें सपनों में शामिल हैं
जैसे तारे आसमान में शामिल हैं


तेरी बातें शामों में शामिल हैं
जैसे सरगम साजों में शामिल है



तेरी बाहें मेरी आहों में शामिल हैं
जैसे खुशबू फूलों में शामिल है



तेरे कदम मेरी राहों में शामिल हैं
जैसे एक हमसफ़र जिंदगी के सफर में शामिल है


(Genuinely Uttam's)

3 comments:

Flairtek said...

Bahot khoob Uttam Ji

Raj said...

सुभान अल्लाह उत्तम जी हम तो कायल है किस तरह से प्यार को आपने "शामिल" में दर्शाया है,
मेरी ओर से पेश है कुछ टूटे-फ़ूटे शब्द
********
रूठी हुई आंखो में इन्तजार होता है,
ना चाहते हुए भी प्यार होता है,
क्यूं देखते हैं हम वो सपने
जिन्दगी में' जिनके टूटने पर भी,
उनके सच होने का इन्तजार होता है!!!

Unknown said...

Kabbile Tareef hai.... Yeh Uttam Ji..........

ये वफा का दौर है तो कोई बात नहीं
ये दर्द खुदा ने दिया तो कोई बात नहीं।

बेवफा खुद खुदा है तो कोई बात नहीं
ज़हर खुद उन्होंने भेजा है तो कोई बात नहीं।

हँस कर खुद पीया है मैनें तो कोई बात नहीं
तड़प रहे है हम अब खुद तो कोई बात नहीं।