कोई आये इस छोटे से घर में
मोहब्बत से सजा रखा है हमने
दर पे खडे हैं गुलदस्ता लिये हुए
नज़रों को उनके क़दमों पे बिछा रखा है हमने
रंग से कहा है रंगीन बनायें उनकी शामें
फर्श से ठंडे रहने की गुजारिश किया है हमने
कुर्सियों से कहा है वो थक कर बैठें तो हवा देंगे उन्हें हम,
उनके चहरे से ना हटे रौशनी, चिरागों से कह रखा है हमने
दीवारों को बताया है के कुछ बुरा ना कहेंगे उन्हें हम
उनके जुल्फ के साये मे गुज़ार देंगे जिन्दगी, खिड़कियों से वादा किया है हमने
ख्वाबगाह को उल्फत के रंगों से सजा कर,
ख़्वाबों के ताबीर की उम्मीद लगा रखा है हमने
इबादत-गाह मे, उन-को माँग कर खुदा से,
उम्र भर के खुशियों की गुज़ारिश किया है हमने
कोई आये इस छोटे से घर में
मोहब्बत से सजा रखा है हमने
(Genuinely Uttam's)
मोहब्बत से सजा रखा है हमने
दर पे खडे हैं गुलदस्ता लिये हुए
नज़रों को उनके क़दमों पे बिछा रखा है हमने
रंग से कहा है रंगीन बनायें उनकी शामें
फर्श से ठंडे रहने की गुजारिश किया है हमने
कुर्सियों से कहा है वो थक कर बैठें तो हवा देंगे उन्हें हम,
उनके चहरे से ना हटे रौशनी, चिरागों से कह रखा है हमने
दीवारों को बताया है के कुछ बुरा ना कहेंगे उन्हें हम
उनके जुल्फ के साये मे गुज़ार देंगे जिन्दगी, खिड़कियों से वादा किया है हमने
ख्वाबगाह को उल्फत के रंगों से सजा कर,
ख़्वाबों के ताबीर की उम्मीद लगा रखा है हमने
इबादत-गाह मे, उन-को माँग कर खुदा से,
उम्र भर के खुशियों की गुज़ारिश किया है हमने
कोई आये इस छोटे से घर में
मोहब्बत से सजा रखा है हमने
(Genuinely Uttam's)
2 comments:
Bahut Hee Badiya Hai Uttam Ji,
Specially these lines are Sparking in my Heart.
ख्वाबगाह को उल्फत के रंगों से सजा कर,
ख़्वाबों के ताबीर की उम्मीद लगा रखा है हमने.........
Too Good..........
Regards,
EK NACHEEZ
www.merenagme.blogspot.com
Wow, bahut khub likha hai Uttam ji aapne I aapriciate you, and tareef karni padegi Priyanka Ji ki bhi jinhone aapki in lines ko apne Dil mein Importance de.
ख्वाबगाह को उल्फत के रंगों से सजा कर,
ख़्वाबों के ताबीर की उम्मीद लगा रखा है हमने.........
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